भगवान श्री कृष्ण को सबसे प्रिये दो वस्तुएं थीं। एक उनकी मुरली और दूसरी वैजयंती माला। मुरली तो आप सभी जानते हैं कि बांस की बनी होती है किन्तु क्या आप जानते हैं कि जो भगवान श्री कृष्ण अपने गले में माला धारण करते हैं वह किस चीज की बानी होती है जी हाँ, वह एक पौधा होता है जिसका वैज्ञानिक नाम है - Coix lacryma-jobi और इसकी फैमिली है - Poaceae. इसको Adlay or Job’s tears भी कहा जाता है।
{Fruiting Plant - Coix lacryma-jobi} |
भगवान श्रीकृष्ण
वैजयंती
माला
दो
कारणों
से
पहनते
थे।
पहला
कारण
यह
कि
वैजयन्ती
माला
में
शोभा,
सौन्दर्य
और
माधुर्य
की
अधिष्ठात्री
देवी
लक्ष्मीजी
छिपी
रहती
हैं
क्योंकि
भगवान
श्रीकृष्ण
के
हृदय
में
श्रीराधा
के
चरण
विराजमान
रहते
हैं
इसलिए
लक्ष्मीजी
ने
वैजयन्ती
माला
को
अपना
निवास
बनाया
जो
हर
समय
भगवान
के
वक्षस्थल
पर
रहती
है।
दूसरा
कारण
यह
कि
श्रीकृष्ण
को
यह
माला
निरंतर
राधा
की
याद
दिलाती
रहती
थी
जिसे
पहले
मथुरा
का
एक
माली
बनाकर
लाता
था।
वैजयंती के फूल और माला अति शुभ और पवित्र है। वैजयंती फूलों का बहुत ही सौभाग्यशाली वृक्ष होता है। इसकी माला पहनने से सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस माला को किसी भी सोमवार अथवा शुक्रवार को गंगाजल या शुद्ध ताजे जल से धोकर धारण करना चाहिए।
वैजयंती के बीजों की माला से भगवान विष्णु या सूर्यदेव की उपासना करने से ग्रह नक्षत्रों का प्रभाव खत्म हो जाता है। खासकर शनि का दोष समाप्त हो जाता है। इस माला को धारण करने से देवी लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है। इसको धारण करने या प्रतिदिन इस माला से अपने ईष्ट का जप करने से नई शक्ति का संचार तथा आत्म-विश्वास में वृद्धि होती है।
इस माला को धारण करने से मान सम्मान में वृद्धि होती है। मानसिक शांति प्राप्त होती है, मान्यता है कि पुष्य नक्षत्र में वैजयंती के बीजों की माला धारण करना बहुत ही शुभ फलदायक है।
Hare Krishna.....
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