चित्रकूट से निकलकर श्रीराम घने वन में पहुंच गए। असल में यहीं था उनका वनवास। इस वन को उस काल में दंडकारण्य कहा जाता था। इस वन में उन्होंने अपने जीवन के लगभग 12 वर्ष से अधिक का समय बिताया था। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओड़िसा और आंध्रप्रदेश के कुछ क्षेत्रों को मिलाकर दंडकाराण्य था। दंडकारण्य में छत्तीसगढ़, ओडिशा एवं आंध्रप्रदेश राज्यों के अधिकतर हिस्से शामिल हैं। दरअसल, उड़ीसा की महानदी के इस पार से गोदावरी तक दंडकारण्य का क्षेत्र फैला हुआ था। इसी दंडकारण्य का ही हिस्सा है आंध्रप्रदेश का एक शहर भद्राचलम। गोदावरी नदी के तट पर बसा यह शहर सीता-रामचंद्र मंदिर के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर भद्रगिरि पर्वत पर है। कहा जाता है कि श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान कुछ दिन इस भद्रगिरि पर्वत पर ही बिताए थे। स्थानीय मान्यता के मुताबिक दंडकारण्य के आकाश में ही रावण और जटायु का युद्ध हुआ था और जटायु के कुछ अंग दंडकारण्य में आ गिरे थे। ऐसा माना जाता है कि दुनियाभर में सिर्फ यहीं पर जटायु का एकमात्र मंदिर है।
Provide The Best Knowledge On Traditional Medicines And Awareness To Healthy Life With Natural Cure
Thursday, November 26, 2020
जिस वन में बिताया था श्रीराम ने वनवास, जानिए कैसा था वह ?
यह क्षेत्र भारत के सबसे घने जंगलों का क्षेत्र था परंतु अब सुंदरवन के क्षेत्र ही घने बचे हैं। रामायण के अनुसार उस काल में यह वन विंध्याचल से कृष्णा नदी के कांठे तक विस्तृत था। इसकी पश्चिमी सीमा पर विदर्भ और पूर्वी सीमा पर कलिंग की स्थिति थी। यह पूर्वी मध्य भारत का क्षेत्र है जो लगभग 92,300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ था जिसमें पश्चिम में अबूझमाड़ पहाड़ियां तथा पूर्व में इसकी सीमा पर पूर्वी घाट शामिल हैं। इसका विस्तार उत्तर से दक्षिण तक लगभग 320 किलोमीटर तथा पूर्व से पश्चिम तक लगभग 480 किलोमीटर का माना जाता है।
क्षेत्र का कुछ भाग रेतीला समतलीय है और जिसकी ढलान उत्तर से दक्षिण-पश्चिम की तरफ है जिसमें वनों से लदे पठार और पहाड़ियां हैं, जो पूर्व दिशा से अचानक उभरती हैं तथा पश्चिम की ओर धीरे-धीरे इनकी ऊंचाई कम होती चली जाती है। यहां कई मैदानी क्षेत्र भी हैं। इस क्षेत्र की मुख्य नदी महानदी और गोदावरी है। महानदी की सहायक नदियां तेल जोंक, उदंति, हट्टी, एवं सांदुल हैं जबकि गोदावरी की सहायक नदियों में इंद्रावती और साबरी प्रमुख है। द्वारा होती है। बहुत से हिस्सा नर्मदा घाटी से भी मिलते हैं। इस वन में कई बड़ी और छोटी पहाड़ियां थीं और सैंकड़ों नदियां उसकाल में बहती थी। रामायण के अनुसार इस जंगल में बहुतायत में राक्षस, असुर और खतरनाक जंगली पशु निवास करते थे। विध्यं पर्वत पर पा आने जाने के लिए या चित्रकूट की ओर जाने के लिए कई लोगों और ऋषि मुनियों को यह खतरनाक जंगल पार करना होता था। इस दौरान उनका सामना जंगली पशुओं के साथ ही खतरनाक राक्षसों से भी होता था।
इस वन में उन्होंने देश के सभी संतों के आश्रमों को बर्बर लोगों के आतंक से बचाया। अत्रि को राक्षसों से मुक्ति दिलाने के बाद प्रभु श्रीराम दंडकारण्य क्षेत्र में चले गए, जहां आदिवासियों की बहुलता थी। यहां के आदिवासियों को बाणासुर के अत्याचार से मुक्त कराने के बाद प्रभु श्रीराम 10 वर्षों तक आदिवासियों के बीच ही रहे।
वन में रहकर उन्होंने वनवासी और आदिवासियों को धनुष एवं बाण बनाना सिखाया, तन पर कपड़े पहनना सिखाया, गुफाओं का उपयोग रहने के लिए कैसे करें, ये बताया और धर्म के मार्ग पर चलकर अपने रीति-रिवाज कैसे संपन्न करें, यह भी बताया। उन्होंने आदिवासियों के बीच परिवार की धारणा का भी विकास किया और एक-दूसरे का सम्मान करना भी सिखाया। उन्हीं के कारण हमारे देश में आदिवासियों के कबीले नहीं, समुदाय होते हैं। उन्हीं के कारण ही देशभर के आदिवासियों के रीति-रिवाजों में समानता पाई जाती है। भगवान श्रीराम ने ही सर्वप्रथम भारत की सभी जातियों और संप्रदायों को एक सूत्र में बांधने का कार्य अपने वनवास के दौरान किया था। एक भारत का निर्माण कर उन्होंने सभी भारतीयों के साथ मिलकर अखंड भारत की स्थापना की थी। भारतीय राज्य तमिलनाडु, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश, केरल, कर्नाटक सहित नेपाल, लाओस, कंपूचिया, मलेशिया, कंबोडिया, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, बाली, जावा, सुमात्रा और थाईलैंड आदि देशों की लोक-संस्कृति व ग्रंथों में आज भी राम इसीलिए जिंदा हैं।
संदर्भ ग्रंथ :
1. वाल्मीकि रामायण
2. वैदिक युग एवं रामायण काल की ऐतिहासिकता (सरोज बाला, अशोक भटनागर, कुलभूषण मिश्र)
3. पौराणिक कोश : (राणा प्रसाद शर्मा प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी)
4.अन्य ग्रंथों से संकलित .
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Male Infertility: Causes, Impact, and Consequences for Nations
Abstract: Male infertility is a complex and multifactorial issue that has profound implications not only for individuals and couples but al...
-
Ayurveda is a main part of well known Indian Traditional System of Medicines and popularly known as AYUSH (Ayurveda, Yoga & Na...
-
चित्रकूट से निकलकर श्रीराम घने वन में पहुंच गए। असल में यहीं था उनका वनवास। इस वन को उस काल में दंडकारण्य कहा जाता था। इस वन में उन्होंने...
-
In recent years, the trend of door-delivered packaged food has surged in popularity, especially in light of the pandemic. For many household...
No comments:
Post a Comment