Pages

Tuesday, April 14, 2020

सनातन धर्म और विज्ञान - एक अकाट्य सत्य :


सनातन धर्म और विज्ञान - एक अकाट्य सत्य :
रावण द्वारा सीता हरण करके श्रीलंका जाते समय पुष्पक विमान का मार्ग क्या था ?
उस मार्ग में कौनसा वैज्ञानिक रहस्य छुपा हुआ है ?
उस मार्ग के बारे में हज़ारों साल पहले कैसे जानकारी थी ?
जो भी आजकल श्री रामानंद सागर जी द्वारा निर्मित रामायण का लॉक डाउन के समय आनंद उठा रहे हैं।  उनके मन में निम्न लिखित जानकारी सोने में सुहागा का काम करेगी। 
एक बात को मैं और स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि रामायण न तो एक इतिहास है और न एक काव्य अपितु यह एक सच्ची घटना है जिसको सभी को जानना चाहिए। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि सनातन धर्म की स्थापना का उचित अवलोकन नहीं किया जा सकता क्योंकि यह प्रभु श्री राम और भगवान  श्री कृष्ण के धरती पर प्रकाट्य के पूर्व  से ही है। यदि हम प्रभु श्री राम जी के पूर्वजों की वंशावली का अवलोकन करें , तो यह विदित होता है, कि यह सनातन धर्म अति प्राचीन है।  

आइये हम सब विषय पर बात कर लें । 

रावण ने माँ सीता का अपहरण पंचवटी (नासिक, महाराष्ट्र) से किया और पुष्पक विमान द्वारा हम्पी (कर्नाटका), लेपक्षी (आँध्रप्रदेश ) होते हुए श्रीलंका ले गया | 

आश्चर्य होता है, जब हम आधुनिक तकनीक से देखते हैं की नासिक, हम्पी, लेपक्षी और श्रीलंका बिलकुल एक सीधी लाइन में हैं | अर्थात ये पंचवटी से श्रीलंका जाने का सबसे छोटा रास्ता है |
अब आप ये सोचिये उस समय Google Map नहीं था जो Shortest Way बता देता | फिर कैसे उस समय ये पता किया गया की सबसे छोटा और सीधा मार्ग कौनसा है ?
यदि थोड़ी देर के लिए यह मान लें  कि रामायण केवल एक महाकाव्य है जो वाल्मीकि ने लिखा, तो फिर ये बताइये कि उस ज़माने में भी गूगल मैप नहीं था तो रामायण लिखने वाले वाल्मीकि को कैसे पता लगा की पंचवटी से श्रीलंका का सीधा छोटा रास्ता कौनसा है ?
महाकाव्य में तो किन्ही भी स्थानों का ज़िक्र घटनाओं को बताने के लिए आ जाता |
लेकिन क्यों वाल्मीकि जी ने सीता हरण के लिए केवल उन्ही स्थानों का ज़िक्र किया जो पुष्पक विमान का सबसे छोटा और बिलकुल सीधा रास्ता था ?

ये ठीक वैसे ही है की आज से 500 साल पहले गोस्वामी तुलसीदास जी को कैसे पता की पृथ्वी से सूर्य की दूरी क्या है ? (जुग सहस्त्र जोजन पर भानु = 152 मिलियन किमी - हनुमानचालीसा), 
जबकि नासा ने हाल ही कुछ वर्षों में इस दूरी का पता लगाया है |

अब आगे देखिये... 
पंचवटी वो स्थान है जहां प्रभु श्री राम, माता जानकी और भ्राता लक्ष्मण वनवास के समय रह रहे थे |
यहीं शूर्पणखा आई और लक्ष्मण से विवाह करने के लिए उपद्रव करने लगी तब विवश होकर लक्ष्मण ने शूपर्णखा की नाक यानी नासिका काट दी |
और आज इस स्थान को हम नासिक (महाराष्ट्र) के नाम से जानते हैं | आगे चलिए...

पुष्पक विमान में जाते हुए सीता जी ने नीचे देखा की एक पर्वत के शिखर पर बैठे हुए कुछ वानर ऊपर की ओर कौतुहल से देख रहे हैं तो सीता जी ने अपने वस्त्र की कोर फाड़कर उसमे अपने कंगन बांधकर नीचे फ़ेंक दिए, ताकि राम को उन्हें ढूढ़ने में सहायता प्राप्त हो सके |
जिस स्थान पर सीताजी ने उन वानरों को ये आभूषण फेंके वो स्थान था 'ऋष्यमूक पर्वत' जो आज के हम्पी (कर्नाटक) में स्थित है |

इसके बाद | वृद्ध गीधराज जटायु ने रोती हुई और असहाय सीता जी को देखा, देखा कि  कोई राक्षस किसी स्त्री को बलात अपने विमान में लेके जा रहा है |
जटायु ने सीता को छुड़ाने के लिए रावण से घोर युद्ध किया था | रावण ने तलवार से जटायु के पंख काट दिए |
इसके बाद जब प्रभु राम और लक्ष्मण सीता जी को ढूंढते हुए पहुंचे तो उन्होंने दूर से ही जटायु को सबसे पहला सम्बोधन 'हे पक्षी' कहते हुए किया | और उस जगह का नाम दक्षिण भाषा में 'लेपक्षी' (आंधप्रदेश) है |

अब क्या समझ आया ? पंचवटी---हम्पी---लेपक्षी---श्रीलंका | सीधा रास्ता | सबसे छोटा रास्ता |

अपने ज्ञान-विज्ञान, संस्कृति को भूल चुके भारतबन्धुओं रामायण कोई मायथोलोजी नहीं है |
ये महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया सत्य इतिहास है | जिसके समस्त वैज्ञानिक प्रमाण आज उपलब्ध हैं |
इसलिए जब भी कोई हमारे इतिहास, संस्कृति, साहित्य को मायथोलोजी कहकर लोगो को भ्रमित करने का या खुद को विद्वान दिखाने का प्रयास करे तो उससे उपरोक्त  सवालों के जवाब पूछना | विश्वास करियेगा , एक का भी जवाब नहीं दे पायेगा |

जब भी टी. वी.  पर रामायण देखें तो ये ना सोचें की कथा चल रही है बल्कि निरंतर ये ध्यान रखें की ये हमारा इतिहास चल रहा है | इस दृष्टि से रामायण देखें और समझें |
विशेष आवश्यक ये कि यही दृष्टि हमारे बच्चों को दें, बच्चों को ये बात बोलकर कम से कम एक-दो बार कहें कि 'बच्चो ये कथा कहानी नहीं है, ये हमारा सत्य इतिहास है, जिसको आत्मसात करने की आवश्यकता है |

No comments:

Post a Comment

Male Infertility: Causes, Impact, and Consequences for Nations

Abstract: Male infertility is a complex and multifactorial issue that has profound implications not only for individuals and couples but al...